एकण बार आवो,
सतगरू बारम्बार आवो।
सतगरू आवोजी मारा देश में वो राम।।टेर।।
सतगरू मारा फुलड़ा,
कोई फुलड़ा वाली बासना वो राम।।1।।
सतगरू मारा देवल,
कोई देवल माइला देवता वो राम ।।2।।
सतगरू मारा चन्दा,
कोई चन्दा वाली चांदणी वो राम ।।3।।
सतगरू मारा बादल,
कोई बादल बचली बिजली वो राम ।।4।।
सतगरू मारी माला,
कोई माला मायला मोतिया वो राम ।।5।।
सतगरू मारी गंगा,
कोई गंगा मायली गोमती वो राम ।।6।।
सतगरूजी के शरणे,
कोई जीवण जोशी बोलिया वो राम।।7।।