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काया रो कारीगर सोजो घट मांही kaya ro karigar sojo ghat mahi dehadi ra devta



काया रो कारीगर सोजो घट मांही,

देहड़ी रा देवता।

पिछाणो धट मांही,

भजन करो पुल आई।।टेर।।


कूड़ कुबद काया सूं टालो,
भजन करो म्‍हारा भाई।
निर्खो ब्रह्म निवालो निर्भय,
इण विध होय भलाई।।1।।

बन्‍दाओ ओसर आवे कद ऐसो,
अब मत भूलो मेरा भाई।
पर्तक दिसो पंथ सर बैठा,
लोड सीखरी कमाई।।2।।

मांही मेला मुख बोले मीठा,
ठग ठग दुनिया खोई।
कणी राहीण कायम नहीं जाणे,
ज्‍यारी किण विध होय भलाई।।3।।

जर्णा रो जामो जुगत कर पहरो,
सतरे पांच सम्‍भाई।
क्षमा री खड़कले भव गढ़  भेलो,
उठे किम हारो मेरा भाई।।4।।

भजन किया मिट जावे सांसा,
सतगुरू बुस्‍त बताई।
गुरू शरणे गम ''लिखमो'' पाई,
इण विध मन समझाई।।5।।

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...