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फकीरी कठिन खाण्‍डे री धार विकट पंथ विकराल भयानक fakiri kathin khande ri dhar bhajan lyrics

 दोहा :: फकीरी धरे कोई सूरमा,कायर रो नहीं काम ।

कायर रा काचा मता,वे काम क्रोध रा ठाम ।।

 

फकीरी कठिन खाण्‍डे री धार,

विकट पंथ विकराल भयानक।

चूक्‍यो अणी ले मार ।।टेर।।

 

जैसे नटवो चढ़े भरत पे,

अपना बदन सम्‍भाल ।

खेले खेल सुरत हद राखे,

चूके नहीं लिगार ।।1।।

 

जैसे सूरा जावे रण भीतर,

सज पांचो हथियार ।

भारत देख डिगे नहीं डोले,

जो बाजे तलवार ।।2।।

 

पांचों ने पकड़ पच्‍चीसो ने बस करे,

तीनों रो तेल निकाल ।

खुला खेल फिरे जग माही,

जद पावे दीदार ।।3।।

 

राम भारती गुरू सिमरथ मिलिया,

जागा भाग हमार ।

कल्‍याण भारती लख ब्रह्म आतम,

प्रकट शब्‍द पुकार ।।4।।

धन गरू माने आपकी आशा तारण तरण अभय पद दाता dhan guru mane apki asha taaran taran abhay pad data

धन गरू माने आपकी आशा,

तारण तरण अभय पद दाता,

आप स्‍वामी हम दासा।।टेर।।

 

बादीघर ने बाग लगाया,

नाना किया तमाशा।

जल की बूंद से पिण्‍ड बणाके,

भीतर मेली सांसा।।1।।

 

देह में रोम,रोम के चमड़ी,

चमड़ी में है मांसा।

मांस में हाड़, हाड़ में गुद है,

गुद में बिन्‍द प्रकाशा।।2।।

 

बिन्‍द में पावन, पावन में प्राणा,

प्राणों में पुरूष निवासा।।

बोलत आप और नहीं दूजा,

रोम रोम में बासा।।3।।

 

यह तो खेल गरूदेव बताया,

मन धरिया विस्‍वासा।

कल्‍याण भारती सतगरू देवा,

प्रेरक स्‍वयं प्रकाशा।।4।।


गरूदेव लगाओ पार मझधार हमारी नैया भजन लिरिक्‍स gurudev lagao paar majhdhar hamari naiyya bhajan



गरूदेव लगाओ पार,
मझधार हमारी नैया ।।टेर।।

गुरू अबगत अलख निरंजन,
गरूदेव सदा दु:ख भंजन।
मैं नमण करूं हर बार,
मझधार हमारी नैया ।।1।।

गरू ब्रह्मा विष्‍णू महेशा,
गरू सूरज सती गणेशा।
गरू पार ब्रह्म औकार,
मझधार हमारी नैया ।।2।।

भग सागर नीर अथंगा,
जिसे देख भया चित भंगा।
मोह मगर रियो मुुख फाड़,
मझधार हमारी नैया ।।3।।

गरू भंवर भयो इक भारी,
नहीं चले चाकरी मारी।
साथी हो गये छोड़ फरार,
मझधार हमारी नैया ।।4।।

गरू काल घटा मंडराई,
अज्ञान अंधेरी छाई।
तृष्‍णा पवन बहे इक सार,
मझधार हमारी नैया ।।5।।

साथी कोई रहा नहीं मेरा,
मैने लिया आसरा तेरा।
केवट बण पार उतार,
मझधार हमारी नैया ।।6।।

गरू राम भारती स्‍वामी,
मारे अबगत अन्‍तरयामी।
मारी आरत सुणोजी पुकार,
मझधार हमारी नैया ।।7।।

केवे ''कल्‍याण भारती'' दासा,
स्‍वामी पूरण करो सब आसा।
मारो जनम मरण दु:ख टार,
मझधार हमारी नैया ।।8।।



जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...