सयाये डाली बाई
धारू घर आया है ।
भक्ता के काज मे
धार अवतार रुणेजा में आया है ।टैर।
भवर नाथ मुनी तपस्या करी
ये लुणी नंदी तट थाया है ।
स्वर्ग लोक सु सुवागण आई
मुनी का मन डगाया है ।1।
जाल तणी डाल हुआ प्रतीपाल
डाली बाई नाम धराया है ।
लेय कन्या धारू घर आया
बाई ने हर्ष बन्दाया है ।2।
सतयुग में हररणाकुश ने हनियो
द्वावापुर रावण खपाया है ।
त्रेता में कोरवा को खपर भरीयों
कलु में भक्ता ने बन्दाया है ।3।
पछम का पीर बदाई बाई ने
धीर धर्म की बैन बणाया है ।
अंसंग जुगा में सह जोड़े रमिया
कलु में काकण बंदाया है ।4।
ब्रह्मा विष्णु महेश आप उपाया
श्री गुण नार कवाया है ।
सह जोडा सु लिनी समाधी
शंकर नाथ गुण गाया है ।5।