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कर हरि याद चितार चेत बन्‍दा kar hari yaad chitar chet banda har livto harijan dhaare



कर हरि याद चितार चेत बन्‍दा,

हर लिवतो हरिजन धारे।।टेर।।


काची काया रो बन्‍दा कर कर धन्‍धो,

क्‍यो हो रहा स्‍वा‍र्थ सारे।

पांतर मत परमेश्‍वर प्‍यारा,

जोह जोह जीव क्‍यूं हारे।।१।।


कुटम्‍ब कहे मेरा मेरा,

मोह जाल बन्‍ध्‍यो सब थारे।

मोह जाल में जगत ठगाणा,

हरिनाम बिना नर कुण तारे।।२।।


देह अन्‍तर फेरा नही कोई तेरा,

राम नाम रट रणुकारा।

रणुकार आबार जीव कहुं,

वो तेरा तुझकू तारे।।३।।


हुं हरिगत प्रथक है जीव कूं,

हुं धारे सो हारे।

निज नाम जप लो गरीबी,

आप तिरे अरू तारे।।४।।


समझ शब्‍द मिल आपो सोजे,

दिल की दुरमत निवारे।

कटे कर्म जद फिटे आफदा,

अलख अनन्‍त बुद्धि विचारे।।५।।


अवल कवल खट दर्सण ऋषि मुनि,

सबका एक सिरजनहारा।

सिरजण हार लखे कोई ''लिखमा'',

धिन धिन आया साधु संसारा।।६।।

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...