जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख 
राम के नाम बिना रे,
जल ज‌इयो जिह्वा पापनी,
राम के नाम बिना रे ।।टेर।।


क्षत्रिय आन बिना,
विप्र ज्ञाण बिना,
भोजन मान बिना रे।
देहप्रान बिना,
हाथ दान बिना,
बुुद्धि‍ ज्ञान बिना रे।
मूरख नर बेेेेकार नाचना 
है घनश्‍याम बिना रे ।।1।।


कमल पंख बिना,
बिच्छू डंक बिना,
निशा मयंक बिना रे ।
पंछी पंख बिना,
गणित अंक बिना,
आरती शंख बिना रे।
ऐसे ही बेकार जिन्‍दगी
राम के नाम बिना रे ।।2।।


श्रंगार सुुुहाग बिना,
सूर्य आग बिना,
पाना भाग बिना रे ।
पुष्‍प बाग बिना,
संत त्‍याग बिना,
गाना राग बिना रे ।
राम बिना नर ऐसे जैसे,
अश्व लगाम बिना ।।3।।



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जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

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