प्रभुजी तुम हो भक्‍तो के रखवारे लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
प्रभुजी तुम हो भक्‍तो के रखवारे लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

प्रभुजी तुम हो भक्‍तो के रखवारे prabhuji tum ho bhakto ke rakhvare

 प्रभुजी तुम हो भक्‍तो के रखवारे।।टेर।।

 

हिरणाकुश ने चाबुक मारा,

भक्‍त प्रहलाद ने नाम उचारा।

नरसिंह होकर देत्‍य पछाड़ा,

देवन के दुख टारे।।1।।

 

मात वचन हरदे धर लीना,

ध्रुव ने जा वन में तप कीना।

गरूड़ चढ़े प्रभु दरसन दीना,

अंत बैकुण्‍ठ सिधारे।।2।।

 

द्रुपद सुता की लाज बचाई,

गोतम नारी विपत मिटाई।

शबरी की महिमा अधिकाई,

गज के बन्‍द निवारे।।3।।

 

जो जन नाम तुम्‍हारा गावे,

सो निश्‍चय निरभय पद पावे।

ब्रह्मानन्‍द नित अर्ज सुणावे,

कीजिये भव जल पारे।।4।।

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...