मारी
नैया ने पार लगावो रे,
सांवरा
गिरधारी।।टेर।।
खम्म
फाड़ प्रहलाद बचायो,
हिरणाकुश
ने मारा रे।।1।।
द्रोपदी
का चीर बढ़ाया।
राम
नाम गुण गाया रे।।2।।
मीराबाई
ने प्रभु तेरा गुण गाया।
जहर
का अमृत बणाया रे।।3।।
नरसी
भगत ने तेरा गुण गाया।
नानीबाई
ने मायरो पहरायो रे।।4।।
करमाबाई
ने तेरा गुण गाया।
रुच
रुच भोग लगाया रे।।5।।
मीरां
दासी जनम जनम की,
चरण
कमल में राखो सांवरा।।6।।