फकीरी कठिन खाण्‍डे री धार विकट पंथ विकराल भयानक fakiri kathin khande ri dhar bhajan lyrics

 दोहा :: फकीरी धरे कोई सूरमा,कायर रो नहीं काम ।

कायर रा काचा मता,वे काम क्रोध रा ठाम ।।

 

फकीरी कठिन खाण्‍डे री धार,

विकट पंथ विकराल भयानक।

चूक्‍यो अणी ले मार ।।टेर।।

 

जैसे नटवो चढ़े भरत पे,

अपना बदन सम्‍भाल ।

खेले खेल सुरत हद राखे,

चूके नहीं लिगार ।।1।।

 

जैसे सूरा जावे रण भीतर,

सज पांचो हथियार ।

भारत देख डिगे नहीं डोले,

जो बाजे तलवार ।।2।।

 

पांचों ने पकड़ पच्‍चीसो ने बस करे,

तीनों रो तेल निकाल ।

खुला खेल फिरे जग माही,

जद पावे दीदार ।।3।।

 

राम भारती गुरू सिमरथ मिलिया,

जागा भाग हमार ।

कल्‍याण भारती लख ब्रह्म आतम,

प्रकट शब्‍द पुकार ।।4।।

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