गजानन्द म्हारे आवो जी ओ,
गजानन्द म्हारे आवो जी।
बैठ सभा में धाऊ आपने,
रिद्धि सिद्धि लावो जी।।टेर।।
ब्रह्मा के संग विष्णु लाज्यो,
माखन चोर कन्हैया।
मात शारदा संग में लाज्यो,
राधा रूकमणिया।।१।।
श्रीराम संग लछमण लाज्यो,
भरत शत्रुुघन भैया।
मात जानकी संग में लाज्यो,
हनुमान चढिया।।२।।
नांदिया चढिया शिवजी आवो,
डमरु साज बजैया।
मात गोरजा संग में लाज्यो,
बांटे भांग डलिया।।३।।
बावन भैरू चौसठ जोगणिया,
संग में अम्बे मैया।
पीर रामदे वीर तेजाजी,
घोड़े पर चढिया।।४।।
''पूनम चंद'' पर किरपा करज्यो,
पार लगाज्यो नैया।
सतसंग मारी सफल बणाज्यो,
बांटू गुड़ डलिया।।५।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें