गजानन्‍द जी ने सोहवे दो नारी gajanand ji ne sohave do naari har ki sobha bhari



गजानन्‍द जी ने सोहवे दो नारी।
दो नारी वो हर की शोभा भारी।।टेर।।

एक तो नारी वो पाणीड़ो लावे है।
स्‍नान करावे वा तो दूजी नारी ।।1।।

एक तो नारी वो हर के चन्‍दन घसे है।
तलक चढ़ावे वा तो दूजी नारी ।।2।।

एक तो नारी वो हर के भोजन बणावे है।
 थाल परूषे वा तो दूजी नारी ।।3।।

एक तो नारी वो हर के ढोलियो ढलावे है।
पांव दबावे वा तो दूजी नारी ।।4।।

बाई मीरां ने सांवरा गिरधर मलिया है।
गणपत की वो सेवा लागे प्‍यारी ।।5।।

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