मनावो साधां गवरी का नन्द गणेश ।।टेर।।
साेेहं शब्द को सही कर मानो।
ध्यान धरो जी हमेश।।1।।
मूल कंवल में बसे गणेशा।
पहर पीताम्बर वेश।।2।।
माता तेरी पार्वती है।
पिता वर कहिये महेश।।3।।
गणेश धावे सोई फल पावे।
जाय पूंगे उण देश।।4।।
कहत 'मंगलगिरी' सुणो भाई साधो।
भजन करो बाली वेश।।5।।
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