हेली होजा भजना वाली लार,
दिखाय लाऊ राम नगरी
।।टेर।।
हेली मत कर मान गुमान,
काया थारी ऐब से भरी ।
हेली सतगुरू शरणे चाल,
कड़ाऊ थारी ऐब ये परी
।।1।।
हेली ऊपराड़े बेरियां को
वास,
मारेला थाने हेल की घड़ी ।
हेली लारे लारे घूमरियो
काल,
जगत से जावेली परी ।।2।।
हेली भवसागर के मांय,
नांव अध बिच में खड़ी ।
हेली किण विध उतरेली,
फांसी मुआ जाल की पड़ी
।।3।।
हेली सोवनी शिखर गढ़ मांय,
गुरासां री सेज ढली ।
हेली चारो पाया दिवला जोय,
गुरूजी आगे निरत करी ।।4।।
हेली गुरू मिल्या
गुलाबीनाथ,
दीनी म्हाने ज्ञान की
झड़ी ।
हेली गावे भवानी नाथ,
भजन किया काया सुधरी ।।5।।
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