काया ने सिणगार कोयलिया पर मण्‍डलिया मत जाज्‍यो ये kaya ne singar koyaliya par mandliya mat jajyo ye

काया ने सिणगार कोयलिया,

पर मण्‍डलिया मत जाज्‍यो ये।

पर मण्‍डलिया रा नहीं रे भरोसा,

अद बिच में रुल जावो ये।।टेर।।

 

खारे समंद को खारो पाणी,

वो पाणी मत लाज्‍यो ये।

थोड़ो नीर गणो कर मानो,

नीर गंगाजल लाज्‍यो ये।।1।।

 

गहरो गहरो फूल रोहिड़ा रो कहिये,

वो फूलड़ो मत लाज्‍यो ये।

छोटो फूल बड़ो कर मानो,

फूल हजारी गुल लाज्‍यो ये ।।2।।

 

उजड़ बनी में ऊबी खेजड़ी,

उण छाया मत जाज्‍यो ये,

अगम पछम का बाजे बायरा,

कांटा में रुल जासी ये।।3।।

 

बाई मीरां ने गिरधर मलिया,

उण मंडलिया भल जावो ये।

उण मंडलिया का गणा भरोसा,

डूबतड़ा तर जावो ये।।4।।


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