नहीं
कायरिया रो काम राणा नहीं...।
सूरा
पूरा री भगती खेलणो रे जी।।टेर।।
चढ़ी
चितोड़गढ़ री जान मीरा चढ़ी...।
राणा
परणबा ने घरे आविया रे जी।।1।।
घवला रचिया रे तन्दूकार राणा...।
हाथा
डेरा तम्बू ताणिया रे जी।।2।।
भंगवा
कपड़ा ने परा खोल मीरा भंगवा...।
पड़लो
पहरो ने राणा राव रो रे जी।।3।।
पड़लो
थारी दास्या ने पहराय राणा...।
भंगवा
पहरिया हर रा नाम रा रे जी।।4।।
हाथा
रा गजबन्द परा खोल मीरा...।
चूड़लो
पहरो ने राणो राव रो रे जी।।5।।
चूड़लो
थारी दास्या ने पहराय राणा...।
काकण
बांध्या वो हर रा नाम रा रे जी।।6।।
गला
री कण्ठी री माला खोल मीर...।
हार
पेरो ने राणा राव रो रे जी।।7।।
हार
थारी दास्या ने पहराय राणा...।
माला
पेरी वो हरि रा नाम री रे जी।।8।।
पगा
री पावडिया परी खोल मीरा...।
मोचडिया
पेरो ने राणा राव री रे जी।।9।।
मोचडिया
थारी छोर्या ने पहराय राणा...।
पावडिया
पेरी वो हर रा नाम री रे जी।।10।।
महला
री खड़क्या परी खोल मीरा...।
तोरण
आयो ये बनड़ो एकलो री रे जी।।11।।
लादी
लादी ये मरदंग ताल राणा...।
भजन
करा वो हरि रा नाम रा रे जी।।12।।
ताम्बा
री कुण्डीया में गेहरू घाळ राणा...।
भंगवा
रंगादे हर का नाम का रे जी।।13।।
हर
का चरणा में मीरा बोले।
गरूजी
मलग्या रोहिदासजी रे।।14।।
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