जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख 
राम के नाम बिना रे,
जल ज‌इयो जिह्वा पापनी,
राम के नाम बिना रे ।।टेर।।


क्षत्रिय आन बिना,
विप्र ज्ञाण बिना,
भोजन मान बिना रे।
देहप्रान बिना,
हाथ दान बिना,
बुुद्धि‍ ज्ञान बिना रे।
मूरख नर बेेेेकार नाचना 
है घनश्‍याम बिना रे ।।1।।


कमल पंख बिना,
बिच्छू डंक बिना,
निशा मयंक बिना रे ।
पंछी पंख बिना,
गणित अंक बिना,
आरती शंख बिना रे।
ऐसे ही बेकार जिन्‍दगी
राम के नाम बिना रे ।।2।।


श्रंगार सुुुहाग बिना,
सूर्य आग बिना,
पाना भाग बिना रे ।
पुष्‍प बाग बिना,
संत त्‍याग बिना,
गाना राग बिना रे ।
राम बिना नर ऐसे जैसे,
अश्व लगाम बिना ।।3।।



माया तेरी बहुत कठिन है राम maya teri bahut kathin hai Ram

 ये माया तेरी बहुत कठिन है राम । टेर।


रक्त मांस हड्डी के ढेर पर,
मढा हुआ है चाम।
देख उसी की सुन्दरता,
हो जाती नींद  हराम ।।१।।

करता नित्य विरोध क्रोध का,
कहता बुरा परिणाम।
होता क्रोधित स्वयं तो होती,
वाणी बिना लगाम।।२।।

मृत्यु देखता है ओरों की,
रोज सवेरे शाम।
भवन बनाता ऐसे जैसे,
हरदम यहाँ मकाम।।३।।

राजेश्वर प्रभु तुम मायापति,
करुणानिधि है नाम।
नाथ नीवेरो अपनी माया,
जीव लेवे विश्राम।।४।।




घूमतड़ा घर आवो आवो जी मोरे प्‍यारे गजानन्‍द ghumtada ghar aao aao ji more pyare gajanand.html



घूमतड़ा घर आवो, 

आवो जी मोरे प्‍यारे गजानन्‍द ।।टेर।।


मूसे असवारी रामा गणपत आवो,

संग में रिद्धि सिद्धि लावो।।१।।


नंदीये असवारी रामा शिवजी पधारो,

संग में पार्वती लावो।।२।।


ब्रह्मा भी आवो विष्‍णु भी आवो,

संग में लावो जी सरस्‍वती।।३।।


रामा भी आवो सावरांं लछमण आवो,

संग में सीता जी को लावो।।४।।


बाई मीरांं के प्रभुु गिरधर नागर,

चरणों में शीश नवाऊ नवाऊ।।५।।





कोई पीये राम रस प्यासा राम रस खासा है koi piye Ram ras pyasa Ram ras khasa hai


कोई पीये राम रस प्यासा 

राम रस खासा है जी

गगन मण्डल से अमरत बरसे

उनमुन के घर वासा   ।टेर।


शीश उतार चरण में धर दे 

करै ना तन की आशा 

जो भी पीये वो जुग जुग जीये

कबहु ना होय निराशा ।1।

 

मोल करे तो थके दूर से 

तोलत टूटे स्‍वांसा

इतना महंगा अमरत बिकता

जहर डूबा रही  माशा ।2।



इण रस काज नृप भया योगी

छोडया भोग विलासा

अधर सिंहासन बैठे रहते

भस्‍म लगाई उदासा ।3।


गोरखनाथ  भरथरी रसिया 

और कबीर रैदासा

गुरु दादू परताप से 

पी गये सुन्दर दासा ।4।




लख चौरासी में भटकत भटकत आण मिलीया गिरधारी lakh chorasi me bhatkat aan miliya girdhari

 

लख चौरासी में भटकत भटकत

 आण मिलीया गिरधारी

अबे मारी काया आय सुधारी ।टेर।


गुरु शास्त्र के शरणे आयो

लागी लगन हमारी

पंची करण पढ़ कर देख्यो 

आतरम अनुभव भारी ।1।


पांच कोस और सात भौम का 

खट शट शरीर है

ज्यारी चौवदा लोक तीन गुण प्रस्यां

सौला सुन अधी मारी ।2।


आला पींगला सुखमण

समज्या प्रगती न्यारी

अन्त करण खोल समजाया 

चित, मन, बुद्धि, अहंकारी ।3।


सतगुरु मिल्या सायरा मलीया

धोंका नहीं लगारी

लाडू नाथ अभेपद पाया

तोड़ी भ्रम अडारी ।4।

ये तो समदर भरिया भारी ज्यामे नाय सके नर कोई ye to samdar bhariya bhari jyame naay sake nar koi

 

ये तो समदर भरिया भारी

ज्यामे नाय सके नर कोई ।टेर।


समदर सात बताया

वस्तु मोल अमोलक पाया

ज्यों कोई नाया सुखसागर में

चोरासी कट जाई ।1।


उण सागर में हीरा मोती

गुरु बिन कुण प्रसावे

कृपा करी गुरु देवजी

माने पार लगावे वोई ।2।


इण समदर में है गुल क्यारी

जिन को देख मन भली विचारी

दुरमत गयी भाग 

सुमती की राय बताई ।3।


समदर नाया उमंग घर पाया

सतगुरु सेन बताई

लाडूनाथ चरण चितलाया

सुरत ऊगम गर पावे ।4।

मनख जन्म का दो दिन रहग्‍या आखीर चौरासी में जावे ओ manakh janm ka 2 din rahgya aakhir chorasi me jave

 

मनख जन्म का दो दिन रहग्‍या

आखीर चौरासी में   जावे ओ 

मन गुरु सरण में आये ।टेर।


लख चौरासी में भटकत भटकत

 सन्ता सरणें आवे

भली करी मारा सतगुरु दाता 

अमर पट्टो फरमावे ।1।


बगला के जोड़े हंसों बेठो

बगला में बगलो कुवावे

नाडुलियों में मछीया चुगता

 खूब माने मातो चुगावे।2।


 पारस के संग लोहा अड़ीया 

लोहा ने पारस बणाये

जम राय का रंग महल में 

ओ मन अबे नहीं जावे ।3।


शंकरनाथ मिल्या गुरु पुरा 

भुल्या ने रााह बतावे ।

लाडुनाथ समज कर परख्‍या

हेर हीरा घरे लावे ।4।

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

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