मनवो हो गयो रे बेरागी ओर मारे दाय न आयोजी manva ho gayo re beragi or mare daay na ayoji

 

मनवो हो गयो रे बेरागी

ओर मारे दाय न आयोजी

ग्यान वेराग भक्ति खातीर 

जुग में आयो जी ।टेर।


मल, मुत्र को बणीयों बंगलो

इण में जामो पायो जी

गंद, बे गंद हद के पारा

ऊपर रंग डुलायो जी ।1।


है मियादी आखीर उपादी

मन युई लुबायो जी

पल में परले जावे जिरो

पतो न पायो जी ।2।


कई उपनियाँ कई खप गया

मन सोच न पायो जी

रावण कुमकरण जैसा बका ज्या

को गरब गमायो जी ।3।


चवदीश अनुभव हुआ जदी

माने चेतन आयो जी

जेटु नाथ बणज कर

भजन को उपकार सुवायो जी ।4।

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