चार खान में बहुत दुःख पाया
चुबती धारा अणीसा
गुरु मिलिया
गोपीनाथ धणीसा ।टेर।
पंड खान परमार्थ कारण
भेजीया श्याम धणी सा
विषय वासना में भुल गयी है
माय आन खडी सा ।1।
अंडखान की पशु जुण में
सही वीपता घणी सा
जन्म जरणी का दूध नहीं पीया
डरपोक से पालना करीसा ।2।
जडखान बनास पती कहिये
वा भी सेल करीसा
डीमुल काटता वाने
मुख बना बोले कुणी सा ।3।
उदमुद खान में पाव पसारीया
वा भी संगत करी सा
कदीक जलचर कदीक थलचर
नत नई देह धरी सा ।4।
चारखान चौरासी माये
फीरीया टेम घण्टी सा
मेराा करीज बार निकालया
गीता की साख भरीसा ।5।
सत संग कर योगस इकले
हाथ में आई मन्टी सा
शंकर नाथ रेवे गरू आग्या
होवेसा कृपा घणी सा ।6।
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