भक्ति है कालो नाग
सुणज्यो कोई पकडो मती ।टेर।
सपल पीयाला वांका वासा
चवदा लोक करे सब आसा
फण उपर पृथ्वी ने धारा
ज्या उपर इच दी रचना अति ।1।
पन्द्रा करोड़ा नाग पकडीया
पाँच करोड जामु जड पडिया
पाँचा ने प्रागियो नाग
पाँचा की हो गई एक मती ।2।
अकीस करोडा नाग पकडीया
सात करोड जामु जड पडीया
साता ने खा गयो नाग
साता की हो गई एक मती ।3।
सताईस करोडा नाग पकडीया
नो करोड जामु जड़ पडीया
नोवा ने खा गयो नाग
नो वाकी हो गई एक मती ।4।
छतीस करोडा नाग पकडीया
बारा करोड जामु जड पडीया
बारा ने खा गयो नाग
बारा की हो गई एक मती ।5।
पांच सात नो बारा मलिया
शंकरनाथ वामे जा भलिया
सतगुरु को आधार
छोडुतो होवे और गति ।6।
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