परस्या जो
पूर्ण वीया हो जी
नुगरी क्या जाने संसार
भरम लाजो ज्यारा
नै ही खुल्या हो जी ।टेर।
आज सैया
सतगुरु भेटीया है जी
दरस्या नूर
अपार
तरबीणी रा
रंगमहल में है जी
अनहद हुवी
रणुकार ।1।
बेठा हो
गुरुजी हर की हाटड़ीया हो जी
करू मारा
दुःखड़ा री बात
मनमाती
माने रोकिया हो जी
आड़ी फिर गयी कुमता नार ।2।
मन को
पोया गुरु गम ध्यान में हो जी
पोता लागी है बार
कुमता सुलकणी फेरी फरे हो जी
वाने लीदी
ललकार ।3।
लेगीया
गुरुजी ऊजम महल में
खोल्या
बजड कीवाड
दसवे
द्वारे सामा जाव्या है जी
जी पद
अपरम पार ।4।
केदू नीसाणी
उण देश री होजी
झिलमिल
ज्योति प्रकाश
सैद बरण
मारो सायबो होजी
रूपन रेखा
लगा ।5।
गोपीनाथ
गुरु भेटीया हो जी
लेगया
माने आलम के दरबार
शंकरनाथ
अब देश में
पाया हीरा
अपरम्पार ।6।
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