आछी दीदी ओ गुराजी माने ज्ञान गुटकी भरम कर्म की फोड़ी मटकी aachi didi o guraji mane gyan gutki

 

आछी दीदी ओ गुराजी

माने ज्ञान गुटकी

भरम कर्म की

फोड़ी मटकी ।टेर।

 

निर्भय नगर माय

लेकर आया है

संता का चरणा में

भारी सुरता लिपटी ।1।

 

संत आया जी मारे

शक्तियां भी आई है

प्रेम के दरवाजे  या

नुगरीया ने अटकी ।2।

 

मंगल गाया मारे

राम रस लाया है

प्रेम बादली मु

बुन्दा छटकी ।3।

 

हंसा ने तो

हीरा चुगाया है

कोरा रंगीया वे तो

नुगरा कपटी ।4।

 

शंकर नाथ चरणा

चीत लाया है

प्यारी लागेजी माने

गुरु भक्ति ।5।

 

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