लागे जी माने गुरु जी प्यारा हो भव सागर से तार के lage ji mane guruji pyara bhav sagar se taar ke

 

लागे जी माने गुरु जी प्यारा हो

भव सागर से तार के

करीया भवपारा हो

लागेजी माने गुरुजी प्यारा हो ।टेर।

 

पांच तत्व को पीजरों

ज्याके दस द्वारा हो

दसवे द्वारे चरण गुरू का 

मारे प्राण आधारा हो ।1।

 

कोई भजन करे कोई ज्ञान करें

कोई ध्यान की धारा हो

कोई पुजे गुरु चरणाने

हर दम एक तारा हो ।2।

 

जैसे कांच को सेकडे

पराने ऐई इसारा हो

पांचो मुन्दर युही पल्द लो

चमके तारा हो ।3।

 

जीणी र मुन्दरी बाणी बाजे

विण सीतारा ओ 

तीन जणी मिल मंगल गावे

रोझे पिवजी थारा ओ ।4।

 

सुख सागर में नावीया

मीटाया तीमर अंधारा हो

शंकर नाथ उण देश में

कब्जा थारा हों ।5।

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