मारा सतगुरु जी ने बली हारी
बार-बार में लेऊ वारी ।टेर।
सतगुरु सा सौदागर आया
ज्ञान गाठ गुरु गम की लाया
भर घाबा मोरा की लाया है
सागे आया मण धारी ।1।
नंगर
बजारा नंग जमाया
सुता जीवा
ने आए जगाया
मुझे
मुक्ति का शब्द सुणाया है ।
परो
जागरे व्यापारी ।2।
हाथा का
हथपान लाया
पगलिया
री मारे पायल लाया
बुन्दा
रंग राचणी मेहन्दी लाया है
निरले के
सुरता प्यारी ।3।
मुखड़ा
री मारे चुपा लाया
काना रा
गज मोती लाया
नैणा रो मारे सुरमो लाया
नाका
नथड़ी नगवारी ।4।
फुट टूट
ने बार निकाली
सही सही चीज ऊर में राली
प्रती तो पुर बली पालो है
लगे
जमारी नहीं कारी ।5।
गोपी नाथ
मारे सत गुरु धापा
शंकर नाथ
चरणा चीत लाया
अबके सैज
फुला की पाया है
और सेज लागे खारी ।6।
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