उण घर जाजे म्‍हारी नीन्‍द जिण घर राम नाम नहीं भावे un ghar jaje mari nind jin ghar Ram naam nahi bhave bhajan lyrics

उण घर जाजे म्‍हारी नीन्‍द,

जिण घर राम नाम नहीं भावे ।।टेर।।

 

के जाइजे तू राज द्वारे,

के रसिया रस भोगी ।

म्हारे संग कई लेवे बावरी,

मैं हूं रमतो जोगी ।।1।।

 

ऊंचे मन्दिर और सखी री,

कामणी चंवर ढुलावे ।

म्हारे संग कई लेवे बावरी,

पत्थर पे रेत में राख दुख पावे ।।2।।

 

भरी सभा में झूठो बोले,

निन्‍दा करे पराई ।

वो घर हमने तुमको सौंपा,

जाजे बिना बुलाई ।।3।।

 

कहे भरथरी सुण री निन्‍दरा,

यहां नहीं तेरा बासा

राज छोड़ कर लीनी फकीरी,

राम मिलन री आशा ।।4।।


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