तुलसी मगन भयो हरि गुण गाय के tulsi magan bhayo hari gun gay ke bhajan lyrics

तुलसी मगन भयो हरि गुण गाय के ।।टेर।।

 

कोई चढ़े हाथी घोड़ा,

पालकी मंगाया के ।

साधू चाले नंगे पांव,

चींटियां बचाय के ।।1।।

 

कोई ओढ़े शाल दुशाला,

अम्‍बर मंगाय के ।

साधू पहरे भंगवा कपड़ा,

भभूती रमाय के ।।2।।

 

कोई खावे खीर पूड़ी,

हलुवा बनाय के ।

साधू खावे लूखा टुकड़ा,

भोग लगाय के ।।3।।

 

कोइ्र तो निहाल भयो,

माल धन पाय के ।

तुलसी निहाल भयो,

चित राम से लगाय के ।।4।।


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