मात पिता गुरु प्रभु चरणों में,
प्रणवत बारम्बार ।
हम पर किया बड़ा उपकार,
हम पर किया बड़ा उपकार।।टेर।।
माता ने जो कष्ट उठाया,
वो ऋण कभी ना जाय चुकाया ।
अंगुली पकड़कर चलना सिखाया,
ममता की दी शीतल छाया ।
जिनकी गोद में पलकर हम,
कहलाये हुसियार ।।1।।
पिता ने हमको योग्य बनाया,
कमा-कमा कर अन्न खिलाया ।
पढ़ा लिखा गुणवान बनाया,
जीवन पथ पर चलना सिखाया ।
जोड़-जोड़ अपनी सम्पति का,
बना दिया हकदार ।।2।।
तत्व ज्ञान गुरु ने दर्शाया,
अंधकार सब दूर भगाया ।
ह्रदय में भक्ति दिप जलाकर,
हरी मिलन का मार्ग बताया ।
बिन स्वार्थ ही कृपा करे,
कितने बड़े है उदार ।।3।।
प्रभु कृपा से नर तन पाया,
संत मिलन का साज सजाया ।
बल बुद्धि और विद्या देकर,
सब जीवो में श्रेष्ठ बनाया ।
जो भी इनकी शरण में आता,
कर देते उद्धार ।।4।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें