राम जी रो नाम म्हाने मीठो घणो लागे रे Ramji ro naam mane mitho gano lage re



।। दोहा । ।
जड़ नाम शरीर है , चेतन जिवडा जाण।
जड़ चेतन के मायने , रोशन अलख जगाय।

मीठो घणो लागे म्हाने ,
प्यारो घणो लागे रे ।
राम जी रो नाम म्हाने ,
मीठो घणो लागे रे॥
बांध घूघरा नाचा म्हें तो ,
राम जी रे आगे रे
राम जी रो नाम म्हाने ,
मीठो घणो लागे रे ॥टेर॥



रामजी रा मुंग चावल ,
रामजी री बाजरी ।
रामजी रे घर रो धन्धो ,
राम जी री हाजरी ।
राम जी री परसादी सूं ,
पाप सारा भागे रे ॥1॥

भाई बन्धु टाबर टोली ,
राम जी रा छोकरा ।
माय र बाप , दादा दादी ,
राम जी रा डोकरा ।
हिलमिल रेवा म्हे तो ,
राम जी रे आगे रे ॥2॥

राम जी रा महल मालिया ,
राम जी रा झूपडा ।
राम जी रे खेत माही ,
राम जी रा रूंखडा ।
शरणागत री चिन्ता सारी ,
राम जी ने लागे रे ॥3॥

राम जी री घर की पूंजी ,
राम जी लगावणीया ।
राम जी रा देणा लेणा
राम जी चुकावणीया ।
राम जी है लारे म्हारे ,
राम जी है आगे रे ॥4॥

राम जी री पेटी ढोलक
राम जी बजावणीया ।
राम जी री लीला गावो,
राम जी री किरती ।
बोले चाले दीखे सोही,
राम जी री मूर्ति ।
तुलसी शरणे रामजी रे,
भाग म्‍हारा जागे रे ॥5

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