साधू भाई तमाकू को त्यागो।
तमाकू में ओगण भारी,
मती सांकड़ा लागो।।टेर।।
खाणो पीणो अन्न पाणी को,
यो है झूठो दागो।
खुर्रो खांसी करे खुलखल्यो,
श्वास उठन लागो।।1।।
तमाकू खूटे मांगण लागो,
हाथ पसारे आगो।
हाथ पसारे शर्म न आवे,
निपट निशर्मो नागो।।2।।
तमाकू पर ऐसे झपटो,
ज्यूं करक पर कागो।
बीड़ी तमाकू चलम झाड़ ले,
बणे बाप रो सागो।।3।।
कपड़ा मुंह हाथ जलावे,
कीट बतीसी लागो।
मानुष जनम रो आयो अवसर,
अब तो सूता जागो।।4।।
गरू सुखरामजी समझ बताई,
या से दूरा भागो।
कहे कामड़राम सुणो भाई साधू,
संग भजन के लागो।।5।।
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