फूल्या की बई मरगी, पंचा ने लाडू भावे।
पंचा ने लाडू भावे, पंचा ने अमला भावे।
बिमारी में बाबा व्हेग्या,
नोट कठा सूं आवे।
आखिर बई को जीव नीरग्यो,
जद्या दूनो घबरावे।।1।।
धबड़ धबड़ तो बई बले,
और नाई राच ले आवे।
घटे जो तो जामत कर दे,
चोटी ने राम बचावे।।2।।
आस पास का गॉंवां का,
जो सुणे बैठबा आवे।
बीड़ी जेब मूं काढ़े कोईने,
धामा में नजर गुमावे।।3।।
वां के मरग्या वां के मरग्या,
कह कह मन गणो समझावे।
ऊबा गेहवां ने गेने मांड के,
शक्कर की बोरिया लावे।।4।।
पांच पकवान बणा,
पछे जीमबा आवे।
खेत कूड़ा गेने मंडग्या,
तोई खेते मेलबा जावे।।5।।
मृत्युभोज ने बंद करो,
मौको फेर नहीं आवे।
इ पदकई में कई धरियो,
यो ऊंकारो सही बतावे।।6।।
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