धनगुरू अबके पार उतारो सुणज्‍यो हेलो हमारो dhanguru abke paar utaro sunjyo helo hamaro

 

धनगुरू अबके पार उतारो।

दीन दयाल दया कर दाता,

सुणज्‍यो हेलो हमारो।।टेर।।

 

महा अथाग भवसागर ऊंडो,

बिन पाणी बेकारो।

काम क्रोध मगरमछ जोधा,

कांपे जीव दुख्‍यारो।।1।।

 

आशा नदी मोह माछलिया,

तृष्‍णा तरंग अपारो।

भूल रो भंवर पड्यो भौ भारी,

किस विध होय उबारो।।2।।

 

कर्म भरीया नांव काया री,

अधबिच में अटकारो।

दिन दिन दूणी डूबत दीखे,

दीज्‍यो आप सहारो।।3।।

 

तरीया तोख जंजीर जुलम रो,

पीयारत परिवारो।

सुरत कील रूप्योड़ी आडी,

घर घाणी से हारो।।4।।

 

पुसाराम गरू भली बिचारी,

कियो बहुत उपकारो।

रामधन हंस पलक नहीं भूले,

काड्यो बांह पसारो।।5।।

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