आरती करां वो गरूदेव देवन की गरू देवन की सब संतन की aarti kara vo gurudev devan ki sab santan ki

 


आरती करां वो गरूदेव देवन की।

गरू देवन की सब संतन की।।टेर।।

 

पहला आरती धवल बासक की,

कछ मछ और सात समंद की।।1।।

 

दूजी आरती धरण गगन की,

चांद सूरज और तारा मण्‍डल की।।2।।

 

तीजी आरती ब्रह्मा विष्‍णु शिव की,

दस अवतार और चारू वेदन की।।3।।

 

चौथी आरती हद बेहद की,

चारों खूंट और चवदा भवन की।।4।।

 

नवल आरती अमर बधावो,

नवलोजी अरज करे चरणन की।।5।।

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