हरदम हर राखो हरदा में जदी हूजी थाने,
सन्ता याद करो बचना ने।।टेर।।
मूल कंवल में गणपत देवा]
याद करज्यो वाने।
मूल कंवल में गाज सवाई
गुण देई थाने।।1।।
भक्ति का बड़द बूझूं गुरां थाने
ज्ञान दीजो माने।
हे कोई सन्त सती को जायो
देश बतावे माने।।2।।
चेला हो तो शिक्षा बूजज्यो
खोटा कुवावो मती माने।
हरदम झूठ मुठ्ठी में राखो
गजब सुहावे थाने।।3।।
नुगरा ने भेद देवो मती दाता
कहतो फरे छाने छाने।
जीवतां थाने एक जन्द लागे
रोवोला करमां ने।।4।।
पदम गरू परवाणी मल्या
लाडूजी राखी नहीं छाने।
गुजर गरीबो ‘कनीराम’ बोले
झूठ छूडायो माने।।5।।
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