संत आरोधे उठे आप रहवो,
धणिया नुगरा शिर पे,
भाला रे वाळी अणिया।।टेर।।
ब्रह्म सरूपी दाता बंगलो बणायो,
दसो दशा में लम्बो चोड़ो
तणियो।।1।।
सत केरी डोरी पवन गेरा तणिया,
मट जावे काल उठे आप रेवो
धणिया।।2।।
अणी काया में अलख वाली धुणिया,
बाली बेश बताई मने धणिया।।3।।
पदम गुरुजी परवाणी मलिया,
लाडूजी दीदा माने मणिया।।4।।
गुजर गरीबीऊ कनीरामजी बोले,
उपरला महल में हीरा मोती चुणिया।।5।।
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