पेड़ पकड़ ने ऊंचों चढ़ जा,
राम जिगोलो लेले।
पान पान पर खेल खेलले,
फूल बासना लेले।।1।।
मना भाई आजा गेले गेले,
उपट पाट गणो मत चाले,
शरणो गुरां को लेले।।टेर।।
संगत करे साधां की करजे,
नुगरां की संगत मत डोले।
साधू तो सतसंग में बोले,
नुगरां गल्यां में बोले।।2।।
संगत करे कोयल की करजे,
कागा संगत मत डोले।
कोयल तो बागा में बोले,
कागा घर घर बोले।।3।।
पदमगरू परवाणी मलिया,
लाडूजी हृदय तोले।
गुजर गरीबीऊ कनीरामजी बोले,
अड़बे बाणी बोले।।4।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें