पुरूष नहीं जद अवधू बाप तू ही है purush nahi jad avadhu baap tu hi hai bhajan lyrics



पुरूष नहीं जद अवधू बाप तू ही है।।टेर।।

 

धरती नहीं जद रचना रहती,

पवन नहीं जद हवा चलती।

नीर नहीं जद प्‍यास बुझती,

भोजन नहीं है धाप।।

अवधू मां नहीं जदी थू ही बाप।।1।।

 

बादल नहीं जद बरखा होती,

बीज नहीं जद चमक होती।

नीर नहीं जद नदिया बहती,

आकाश नहीं आप।।2।।

 

अग्नि नहीं जद ज्‍योति जलती,

चन्‍द्र नहीं जद शीलव्रती।

भाण नहीं जद प्रकाश होती,

खाली नहीं अमाप।।3।।

 

मणिया नहीं जद माला होती,

तार नहीं जद आपो ही पोती।

फेरता नहीं जद आपो ही फरता,

अक्षर नहीं जाप।।4।।

 

सायर नहीं जद लहर चलती,

बून्‍द नहीं जद जड़ लगती।

सीप नहीं जद होते मोती,

प्रकट दीखे साफ।।5।।

 

सुरता चढ़गी तोड़ टाटी,

भजन चढ़ग्‍यो गगना घाटी।

कहे कनीरामजी आप काटी,

पार करज्‍यो आप।।6।।

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