वासे दीखे शशि भाण तारा अखण्‍ड शब्‍द फेर न्‍यारा pandita saroda saajo pyara bhajan lyrics

 


वासे दीखे शशि भाण तारा,

अखण्‍ड शब्‍द फेर न्‍यारा।

पंडता सरोदा साजो प्‍यारा।।टेर।।


आंगल बारा पृथ्‍वी तत्‍व चाले,

पीला वर्ण रंग वारा।

पड्यो सबाव गरू मनदेव स्‍वामी,

नींची बेहवे चार धारा।।1।।


आंगल सोला जल तत्‍व चाले,

सफेद वर्ण रंग वारा।

ठण्‍डा सबाव गरू चंद्रदेव स्‍वामी,

खड़ा बेहवे एक धारा।।2।।


आंगल आठ पवन तत्‍व चाले,

हर्या वर्ण रंग वारा।

चलता सबाव गरू शंकरदेव स्‍वामी,

तिरछी बेहवे दाेेय धारा।।3।।


आंगल चार अग्नि तत्‍व चाले,

लाल वर्ण रंग वारा।

जलता सबाव गरू भाणदेव स्‍वामी,

उल्‍टी बेहवे तीन धारा।।4।।


आंगल एक आकाश तत्‍व चाले,

श्‍याम वर्ण रंग वारा।

खड़ा सबाव गरू अबगत स्‍वामी,

सुखमण बेहवे गोल धारा।।5।।


मूल शिखर बिच पांच स्‍थान है,

पांच ही पांच पीरांं रा।

 आहार निगार करो आठ दरवाजा,

तरबिणी में रूप दीखे सारा।।6।।


पांच तत्‍व का पांच स्‍वाद है,

चरखा मीठा फीका कड़वा खारा।

आप आप के आसण बैठा,

भोग भोग रिया सारा।।7।।


पचास चालीस तीस बीस दस,

एक सौ पचास पुल सारा।

छ: सौ स्‍वांस हजार इक्‍कीसा,

दस बीस भाव वाळा।।8।।

 

दस सांंस मूं छ: सांस सुखमण,

आवत जावत बारा।

बाराऊ बारा बीज उपन्‍या,

राशि संक्रान्ति बारा।9।।


बारह लगन मू बारह तिथि,

नक्षत्र जोग करण महीना बारा।

गुजर गरीबो 'कनीरामजी' बोले,

इण विद भेद उचारा।।10।।


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