मारा अमरापुर का वासी छोलरिया में रेग्‍यो रे mara amarapur ka vashi cholariya me regyo re

बणज करबा आयो अणी जुग माये,

भुवाई भेग्‍यो रे डोकरा।

बूढ़लिया भुवाई भेग्‍यो रे।,

राम न भज्‍यो सुकृत न कीदो रीतो रेग्‍यो रे।।1।।

 

मारा अमरापुर का वासी,

छोलरिया में रेग्‍यो रे।

मत भटके हंसा बावला,

इन्‍द्रया बस हेग्‍यो रे।

 

थारा पोतिया की पूंजी,

कइ टोटाइल हेग्‍यो रे।

हरिया बन का सूवटिया,

माया मे फंसग्‍यो रे।

 

सायब की दरगाह में जान,

कई जवाब देला रे।।टेर।।

 

भांगा भाला को पाणी लागणो,

लागत हेग्‍यो बांगो रे।

खुलगी मुठी करम जब फूटी,

अब बांगाई बांगो रे।।2।।

 

भाई भतीजा थारे कुटम्‍ब कबीला,

जामे फंस फंस खेल्‍यो रे।

अन्‍त समय में जावे ऐकलो,

कोई नहीं थारा रे।।3।।

 

आगे आगे थने खन्‍दायो,

लारे काल उछगो डोकरा लारे...।

पण्‍ड पण्‍ड पर तक तक मारे,

अब लेले शरणो रे।।4।।

 

रूपनाथजी पूरा गरू मलिया,

देवे हेला रे।

जात कमाली कबीरसा की लड़की,

बड़ो अचम्‍भो रे।।5।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...