मनमोहन मुरली वाला रे,
नटवर ने जादू डारा ।।टेर।।
कोई केवे कृष्णमुरारी,
कोई केवे नटवर गिरधारी।
मैं जपू तुम्हारी माला वो,
नटवर ने जादू डारा ।।1।।
केश पकड़ हरि कंस पछाडिया,
हरणाकुश को नख से फाड्या।
दुष्ट मारने वाला वो,
नटवर ने जादू डारा ।।2।।
गज को ग्राह ने पकड़ दबाया,
गरूड़ छोड़ हरि पैदल आया।
भगत बचाने वाला वो,
नटवर ने जादू डारा ।।3।।
नाथ भंवर बिच नैया मेरी,
मेरी बेर करी क्यू देरी।
पार लगाने वाला वो,
नटवर ने जादू डारा ।।4।।
कबीर के घर बालद लाये,
मेवा मिसरी भरकर लाये।
आप बने बणजारा वो,
नटवर ने जादू डारा ।।5।।
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