कर लेणा भली कमाई तेरा कब कब आणा होय kar lena safal kamai tera kab kab aana hoy

कर लेणा भली कमाई रे,

कर लेणा सफल कमाई जी।

तेरा कब कब आणा होय रे,

कर लेणा भली कमाई।।टेर।।

 

एक दिन नर तेरा जनम हुआ था,

गढ़ दरवाजे ढोल गुरा था।

ब्रह्मचारी तेरा नाम धरा था,

सैया मंगल गाय रे घर घर बटे बधाई।।1।।

मात पिता तेरा लाड लडाया,

माता मुख में दूध पिलाया।

बड़ा हिया मारण धाया,

तरीया संग लाग रे,

घर खोयो करगसा नारी जी।।2।।

 

तू कहता है मेरी मेरी,

घर में चीज कौनसी तेरी।

सिर पर बंधी पाप की ढेरी,

खड़ा खड़ा क्‍या रोय रे,

कहां गया बाप तेरा माई।।3।।

 

एक दिन नर तेरा जाणा होगा,

सभी भेद बतलाणा होगा।

धर्मरायजी लेखो लेगा,

खड़ा खड़ा क्‍या रोय रे,

कहां गया संग तेरा साथी।।3।।

 

थे नहीं सूणी भागवत गीता,

मूरख रिया अनाड़ी रीता।

जम के द्वारे होय फजीता,

छंद सुखीराम कथ गाय रे,

हरदा की कथा बणाई।।4।।


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