कालाजी गोराजी की कथा kalaji goraji ki katha

-::- कालाजी गोराजी की कथा -::-

 

या तो लाला कपूरी दूत्‍या आयगी,

या तो लूणी गांगी रे रांडा आयगी।

लेगी लेगी राजा रो जन्‍तर बाण,

पहुंचायो कामरू देश में।।1।।

 

देवा जाजम ढाली रे,चांदण चौक में,

ये तो भेला वेग्‍या रे सगला देव,

देवा में बिड़लो फेरियो।।2।।

 

देवा बिड़लो लिख्‍यो रे जंतर बाण को,

बिड़लो फिरे देवी देवा रे माय,

बिड़ला ने कोई नहीं जेलियो।।3।।

 

ये तो धूज्‍या सारा वो देवी देवता,

देवा कुणी जावेला कामरू देश में,

जो जासी वो नहीं आवसी।।4।।

 

यो तो राजा जटाऊ को जन्‍तर बाण है।

ई ने रांडा ले गई है कामरू देश में,

कुण जावे उण देश में।।5।।

 

या तो सूती सूती जवाला जागी कालका,

देवा लाजे लाजे जरणी को थान,

लियोड़ो बिड़लो कुमलायो।।6।।

 

कालका अंग से उपाया दो दो पूता ने।

जांका काला गोराजी धरिया नाम,

वांने भैरू कह बतलाविया।।7।।

 

पांच रे पाना को बिड़लो फेरियो,

फिरते बिड़ले ने कालो जेलियो।

बेटा बेगा जावो नी कामरू देश में,

बेटा सूरा रिज्‍यो रे उण देश में।

समझावे माता कालका।।8।।

 

माता चिन्‍ता छोड़ो नी,देवो सीख जी,

माता सूरा छुकाया माने थान,

जावा ला कामरू देश में।।9।।

 

काला गोरा,गिया वो कामरू देश में,

पुच्‍या पुच्‍या बागा रे माय,

डेरा तो दीदा बावडिया।।10।।

 

कालो पहली गोरा ने भेज्‍यो देश में,

गोरा जावो जावो नगरी के माय,

रांडा की खबरिया लावज्‍यो ।।11।।

 

गोरो लाली लवारी के घरे पहुंचग्‍यो,

लाली एरण कर दियो पल के माय,

इने लोहो कर तपावियो।।12।।

 

गोरो गांगी तेलण के घरे पहुंचियो,

तेलण कीदो गाणी रे वालो बैल,

इने गाणी रे माये जोतियो।।13।।

 

 

गोरो कपूरी धोबण के घरे पहुचियो,

धोबण भाटो कर दियो पल के माय,

गोरा पर कपड़ा धोविया।।14।।

 

गोरो लूणी चमारण के घरे पहुंचियो,

गोरो चमारी के पडियो फन्‍दा माय,

चमारी मारे कोवड़ा।।15।।

 

माता कंकाली थू झट बेगी आवजे,

गोरो दुखड़ो देखी ने घबराय,

गोरा की बेली आवज्‍यो।।16।।

 

थे तो बेगी आवो ने माता कालका,

थारो जायो पडियो ये फन्‍दा माय,

चमारी मारे कोवड़ा।।17।।

 

गोरा परो चाले नी मारा देश में,

मारे जाये धोको कर दीनो आज,

थने भेज्‍यो इण देश में।।18।।

 

माता पाछो आऊ तो लाजे नाम ये,

माता लाजे लाजे जरणी को थान,

काला रे लारा आवसी।।19।।

 

जाया सूरा रीजो इण देश में,

जाया भीड़ तो पडिया करज्‍यो याद,

समझावे माता कालका।।20।।

 

खबर्या ले गोराजी आया,

काला ने सब हाल बताया।

नानी मार से मुझ को मारा,

मिले नहीं अब बाण तुम्‍हारा।।

 

कालो देवा ने बुलायो बागा मायने,

देवा भीड़ रे पडिया रे भेला आय,

आवोनी कामरू देश में।।21।।

 

पेली पेली नूतो जी गणपतजी थाने नूतो जी,

देवा का अगवाणी बेगो आय,

बागा में बेगा आवज्‍यो।।

 

माता कंकाली थाने नूतो ये,

बावन भैरूजी थाने नूतो ये,

आवरा ऊठाला थाने नूतो ये,

जांतला जोगणिया थाने नूतो ये,

चौसठ जोगणिया थाने नूतो ये,

काला की मनाई बेगी आवज्‍यो।

 

कालो पहुंच्‍यो पहुंच्‍यो नगरी के माय,

यो तो राजा रा महला में पहुंच्‍यो जाय,

राजा बेटो मारियो।।22।।

 

कालो जोगी बणग्‍यो रे कामरू देश में,

यो तो राजा रो जिवायो पाछो लाल,

राजा ने बचनां बांदियो।।23।।

 

कालो लाली कपूरी रे घरे पहुंचियो,

कालो गांगी लूणी के घरे पहुंचियो।

कालो बांदी बांदी बचनां के माय,

रांडा ने बागा लावियो।।24।।

 

रांडा राजा जटाऊ को जन्‍तर बाण है,

रांडा झगड़ो मांडू ला बागा माय,

थाने अमल्‍या कर भूंवावस्‍यूं।।25।।

 

कालो हाथे कसिया रे गाठा कोवड़ा,

कालो ऐसी मारी रे नानी मार,

गोरा को बदलो लेवियो।।26।।

 

काला थू तो भाई, मैं थारी बेनडिया,

थारा राजा रो लेजा रे जन्‍तर बाण,

थारी गायां कर कर छोड़ दे।।27।।

 

कालो हाथे कसिया रे गाठा कोवड़ा,

कालो लेग्‍यो लेग्‍यो नगरी के माय,

राजा को लायो बाण ने।।28।।

 

सारी रांडा उठावो मारो ढोलियो,

कालो ढोल्‍या पे मेल्‍यो रे जन्‍तर बाण,

पहुंचायो आपणे देश में।।29।।

 

 

कालो हाथे कसिया रे गाठा कोवड़ा,

कालो ऐसी मारी रे नानी मार,

रांडा ने साथे ले चाल्‍यो।।30।।

 

गोरो हाथे कसिया रे गाठा कोवड़ा,

सारी रांडा उठावो मारो ढोलियो।

ऐ तो काला गोरा चाल्‍या दोई साथ,

चाल्‍या तो आपणा ई देश में।।31।।

 

यो जिला चित्‍तोड़ तहसील सादड़ी,

यो तो सागरियो कहिजे रे मारो गांव,

थने भंवरियो जाशी गावियो।।32।।

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