नागणी तो इंडा मेल्या
छ: सो इकबीस।
भागरिया उबरिया,
रिया रण खेत।।1।।
चेत रे मारा मन मइला,
जुग ऐलो जाय रे।
जुग बोत्यो जाय,
नेणा नरखता नर जाय।।टेर।।
दूधा धोय कोयला,
कदीय न ऊजला होय।
भ्रात भरिया भाइड़ा,
वे साध कांका होय रे।।2।।
हरण हीरा आवया,
आया बारम्बार।
गुुुरां हन्दी चोट हांदी,
हीरा लागा हाथ जी।।3।।
समन्दा माइली माछली,
हंस लिया जाय।
जाय कीजो मारा सतगरू ने,
कहां बैठ ने खाय।।4।।
उगम आम्बो मोडियो,
पछम वांकी डाल रे।
कीज्यो मारा भायड़ा ने,
वहां बैठ ने खाय।।5।।
पेट में डाली चन्दन की,
फेफ माला हाथ जी।
राव रणसी बोलिया,
मारा गुरां रा प्रताप।।6।।
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