शशिया भाण के बीच खेेल कर बन्‍दा भजन लिरिक्‍स shashiya bhan ke bich khel kar banda



शशिया भाण के बीच खेेल कर बन्‍दा ।
छ: सांसा में नाल हरि तो जन्‍दा है वोजी ।।टेर।।

मूल कंवल के मांय गणेशा बन्‍दा।
रिद्धि सिद्धि ढोले पांव होवे आनन्‍दा ।।1।।

मेरा सतगरू है दातार काट जम फन्‍दा।
मुझको सूजे नाही जनम का अन्‍धा है वोजी ।।2।।

पीला रंग पछाण पांच है झण्‍डा
पांचो ही पांख पछाण गाज रही गंगा ।।3।।

मल्‍या मछन्‍द्रनाथ होवे आणन्‍दा।
गावे गोरखनाथ रूप सोवंगा है वोजी ।।4।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

जल ज‌इयो जिह्वा पापनी राम के नाम बिना रे JAL JAIYO JIVHA PAPNI RAM KE NAAM BINA RE

राम के नाम बिना रे मूरख  राम के नाम बिना रे, जल ज‌इयो जिह्वा पापनी, राम के नाम बिना रे ।।टेर।। क्षत्रिय आन बिना, विप्र ज्ञाण बिना, भोजन मान ...