हम दाेनों के बीच राम है मेरा।
छ: सांसा के मांय,
किया में हेरा है वोजी ।।टेर।।
ओम शबद के मांय ,
बीज है बारा।
सोहं शबद के मांय,
मन है प्यारा ।।1।।
ओम शबद के मांय ,
ब्रह्माण्ड है सारा।
सोहं शबद के मांय ,
दसो अवतारा ।।2।।
ओम का अक्षर तीन,
तीन से न्यारा।
अकार उकार मकार ,
देख ले प्यारा ।।3।।
हाले नहीं होठ कंठ ,
जीब से न्यारा।
गावे गोरखनाथ ,
राम रणुकारा हे वोजी।।4।।
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