कहां से आवे बीज जांच कर वांका।
जैसी जूड़ी पाय संत सुर का हे वोजी।।टेर।।
षट् कंवल के मांय देख्या बन्का।
बारा बीज विचार खेल है वांका ।।1।।
लंग भंग के बीच रूप सांई का।
नुगरा जाणे नाय करम की संका ।।2।।
जैसी जूणी पाय मोडरिया अंका।
शशिया देव ने साज खेल आहंग का ।।3।।
गोरख करी अवाज आतृम कर अंका।
पड़े जमा की मार खोल दे संका ।।4।।
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