जो नर बगडिया अभेमानीऊ बगडिया,
कुण पण्डित कुण काज़ी,
साधू भाई गरभ करे नर पाजी ।।टेर।।
मनसा माजन करम कमावे,
करे दगो न हेवे राजी।
लालच लागो ऐड़ा मारे,
चोर केऊ के वाने हाजी ।।1।।
तीन लोक पेली आपा उपन्या,
आद् शक्त अम्बा मां जी।
कदीक जरणी कदीक परणी,
भारजा केऊ के वाने मां जी ।।2।।
राजा बाबू ने दूर हटायो,
गन का पाट बिराजी।
बेटा के एक बाप जनमियो,
पुत्र केऊ के वाने बा जी ।।3।।
बहरो केवे बहुत गहरो सुणू,
बना हाथ ताली बाजी।
गूंगा की आवाज सुणी पद चोथे,
गूंगो केऊ के गजवाजी ।।4।।
पगा वालो केवे मांऊ डेली न डगीजे,
पागले परसी गंगाजी।
चार धाम पुष्करजी में न्हायो,
पागलो केऊ के तीरथ वासी ।।5।।
नैना वालो केवे मने कई न दीखे,
आंदला ने दरसे मकाजी।
बणा नैनाऊ तीन लोक नरख्या,
फूटी केऊ के वाने हाजी ।।6।।
गुजर ने तो ज्ञान बतायो,
लाडूराम पिताजी।
गुजर गरीबो ''कनीरामजी'' बोले,
गरू केऊ के वाने बा जी ।।7।।
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