मूरख ने कैसे कह समझावे भजन लिरिक्‍स murkh ne kaise kah sajave bhajan lyrics



घड़ी घड़ी समझाय देखलो,

पहर पहर पलटाय देखलो।

उल्‍टो धणी पे आवे,

मूरख ने कैसे कह समझावे ।।1।।


हां रे मूरख ने ज्ञान बतावे,

मूरख के दाय नहीं आवे। 

मूरख ने कैसे कह समझावे ।।टेर।।


छोटा सा बोतड़ा ने माल चरावे,

जीणोड़ी चाल चलावे।

  माल चरातां मद पे आवे,

उल्‍टो धणी ने खावे ।।2।।


कुत्ता की पूंछ के तेेल लगावे,

तातेई ताव तपावे।

बारा बारा बरस सला हेटे राखे,

दरब ऐब नहीं जावे ।।3।।


काया तणा कारीगर आया, (टोला के कारीगर लागो)

सूत बेंत नत लावे। 

कर कर रीसा चोट लगावे,

टांकला को नाश गमावे ।।4।।


चाले डोडो नाले बांको,

डरहरडिया बतावे।

गुजर गरीबीऊ ''कनीरामजी'' बोले

सावल ले समझावे ।।5।।


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