राम नाम रटने से रे बन्दा,
राम को कैसे पायेगा।
जब न मिलेगा सतगरू पूूूरा,
राम नजर नही आयेगा ।।टेर।।
बड़े बड़े दुनिया में देखे पंडित,
ज्ञानी और ध्यानी ।
जोर लगाया सभी ने लेकिन,
चली न उनकी मनमानी ।
जितना जोर लगायेगा ,
तू ठोकर उतनी खायेगा ।।1।।
मन्दिर मस्जित और शिवालय,
गिरजाघर में राम नहीं।
मतलब की ये सभी दुकानें,
इनमें तो कोई भगवान नहीं।।
ईश्वर तो है सर्वव्यापी,
इसमें तू कैसे समायेगा ।।2।।
सतगरू नाम रटो मन प्यारे,
सतगरू नाम रटो मन रे।
सतगरू नाम रटिया से रे,
बन्दे ईश्वर दर्शन पायेगा।।
ईश्वर दर्शन पाकर बन्दे,
बेड़ा पार हो जायेगा ।।3।।
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