मारी काया कबेड़ी ये नार भजन लिरिक्‍स mari kaya kabedi naar bhajan lyrics



मारी काया कबेड़ी ये नार ,
ओ कई नखरो।
थारा सिर पर भूूूूवे काले,
शीश पर सकरो है वो जी ।।टेर।।


सत की चून्‍दड़ी ओढ़,
सालूड़ो गुरूगम को।
थोड़ो ज्ञान घूंघटो काढ़,
लूगड़ो शर्म को है जी ।।1।।

थारी पाख पाख में पाप,
झूठ वालो झगड़ो ।
थोड़ो गरू बचना में हाल,
पंथ ने पकड़ो ।।2।।

थने केऊ ज्ञान की बात,
मरोड़े कई मुखड़ाेेे।
थोड़ी नीच की संगत तो छोड़,
लाग जावे लफड़ो ।।3।।

थोड़ो नज धर्म ने धाय,
काम सुक्रत को।
गावे ''बदादास'',
संत कोई सुधरो है वो जी ।।4।।




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