कलजुग में भाया होते है लोग अफंड़ी kaljug me bhaya hote hai log afandi bhaian lyrics



कलजुग में भाया होते है लोग अफंड़ी ।।टेर।।

केऊ अकल की ऊपर तण के,
घर में नहीं मकी के कण के।
राम नाम से माथो ठणके,
चाले चाल घमण्‍डी ।।1।।

धन वाला ने धन को जोर है,
उनके नशा तो आठ पोहर है।
निरधन पर ये करत घोर है,
लाय बसावे रंडी ।।2।।

नशाबाज है नर नखराला,
गांजा भांग का पीवे प्‍याला ।
धर्म माय पैसा नहीं डाला,
जाय खरीदे बण्‍डी ।।3।।

अभेमान का सिर पर छोगा,
मांगे जवाब कणी विद दोगा।
धर्मराय जी लेखो लेगा,
चाल भाड़ा की मण्‍डी ।।4।।

सत के शरणे ''लेहरू'' बोले,
सब का पाप सभा में खोले।
मुगती का मारग सीधा जाले,
धावो एक अखण्‍डी ।।5।।

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