एक अखण्‍डी बाबो चराचरी में भजन लिरिक्‍स ek akhandi babo charachari me



देखो साका प्रकट वांका,
नर नारी मल एक हिया।
एक अखण्‍डी बाबो चराचरी में,
परस्‍या ज्‍यांके आणन्‍द हिया ।।टेर।।

धर वाला की भूल बताऊ,
पून्‍यू के दन परस लिया।
मावस के दन दाता आया,
ज्‍यांका दर्शन न हिया ।।1।।

धरे भक्ति धर की कमावे,
अदर बन्‍दा ज्‍यांका टूट गया।
बन्‍दा टूटा तलाव फूूूूटा,
भे पाणी मलतान गया ।।2।।

धर वाला की फेर बताऊ,
दोय जणा मिल गंगा गिया।
गंगा जाय गंगाजल लाया,
आधे आसण ढोल दिया ।।3।।

क्षीर समुंदर सुबर भरिया,
बना पाल नीर ठहर रिया।
ढाल में पाल तान नहीं पाया,
हांदत हांदत फूट गिया ।।4।।

पांच जणा में आया मारा सायबा,
हर कर ने बदाय लिया।
दोय जणा में आया मारा सायबा,
दोय जणा मिल खोय दिया ।।5।।

पदमगरू परवाणी मलग्‍या,
लाडूराम प्रसन्‍न हिया।
गुजर गरीबीऊ ''कनीरामजी'' बोले,
हरक हरक गुण गाय रिया ।।6।।

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